
वायरल टी-शर्ट का क्या है सच
चित्तौड़गढ़ राजस्थान:- सोशल मीडिया पर कारुण्डा के भूतपूर्व व्यवस्थापक पारस मल जैन के पुत्रों और पुत्री का एक फोटो और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें इन तीनों ने सफेद कलर के टीशर्ट पहन रखें हैं और उन टीशर्ट पर दोनों तरफ अखबार में छपी खबरों की फोटो प्रिंट करवाई हुई है जो खबरें पारसमल जैन के प्रकरण में इनकी लड़ाई में समाचार पत्र में प्रकाशित हुई थी।
वास्तव में हकीकत भी यही है कि कारुण्डा के व्यवस्थापक का ये प्रकरण सोशल मीडिया की सुर्खियां भी रहा है और इनके द्वारा लगातार चित्तौड़गढ़ के सहकारिता विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा नियम कानून ताक पर रखकर मननर्जी से की जा रही गलत कार्यवाहियों के कई सबुत अखबारों और सोशल मीडिया के माध्यम से सहकारिता विभाग के जिम्मेदार लोगों तक पहुँचाने की कोशिश की गई।राजस्थान के सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक को रजिस्टर्ड डाक से शिकायती पत्र प्रमाणित दस्तावेज व सबूत संलग्न करके भी प्रस्तुत किए और सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव व रजिस्ट्रार मंजू राजपाल को जयपुर स्थित कार्यालय में उपस्थित होकर भी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया परन्तु आज तक भी रजिस्ट्रार मंजू राजपाल व मंत्री गौतम दक द्वारा इन शिकायतों पर संज्ञान लेकर कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं करके विभाग की चिरपरिचित कार्यशैली के अनुसार गोलमाल कर दिया।विभाग के जिम्मेदारों की अपने ही विभाग के अधिकारियों पर दस्तावेजों के आधार पर भी कोई कार्यवाही नहीं करने की मंशा स्पष्ट नजर आ रही हैं तभी दस्तावेजों और सबूतों सहित चार चार शिकायती पत्र प्राप्त होने के बावजूद भी आज तक किसी उच्च अधिकारी को नियुक्त कर निष्पक्ष जाँच के आदेश जारी नही किए गए है। शिकायती प्रार्थना पत्र के द्वारा सम्पूर्ण जानकारी हो जाने के बावजूद भी जिम्मेदार अनजान और मूकदर्शक बने हुए हैं।अब शायद व्यवस्थापक के परिवार ने ये नया नुस्खा अपनाया है जिससे कि उनको न्याय मिल सके।
मंत्री गौतम दक क्यों है लाचार
जब से राजस्थान में भाजपा की सरकार बनी है तब से आज तक लगभग 20 महीने होने आए हैं और सहकारिता मंत्री गौतम दक को इस प्रकरण की जानकारी जब वो भाजपा चित्तौड़गढ़ के जिलाध्यक्ष थे तब से है और उस समय उन्होंने मेवाड़ के दिग्गज नेता और निम्बाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी,भूतपूर्व व्यवस्थापक पारस मल जैन के पुत्र और बैंक के कर्मचारियों के बीच हुई बैठक में दस्तावेजो और रिकॉर्ड के आधार पर स्वीकार किया था कि अधिकारियों द्वारा सत्ता पक्ष के दबाव में गलत किया गया हैं और जाँच में निर्दोष सिद्ध हो जाने के बावजूद भी इनका वेतन सहित अन्य सेवानिवृति परिलाभों का भुगतान रोककर लगातार गलत किया जा रहा हैं और कहा कि भाजपा की सरकार आने पर ब्याज सहित व्यवस्थापक पारसमल जैन के वेतन सहित अन्य सेवानिवृति परिलाभों की राशियों का भुगतान करवाने का आश्वासन भी व्यवस्थापक के पुत्र व भाजपा मण्डल महामन्त्री राजेश जैन को दिया था तो अब गौतम दक की ऐसी क्या मजबूरी है जो वो खुद सहकारिता मंत्री होते हुए और अधिकारियों के खिलाफ सैकड़ो सबुत होने के बाद भी दो दो जाँचो (विभागीय जाँच और पुलिस जाँच) में निर्दोष सिद्ध हो चुके व्यवस्थापक पारस मल जैन को न्याय नहीं दिला पा रहे हैं।
गौरतलब है कि इसी तरह के तरह के टीशर्ट पहन कर धरियावद के विधायक थावरचंद भी विधानसभा में गए थे शायद इसी से प्रेरित होकर व्यवस्थापक के पुत्र पुत्रियों ने ये कदम उठाया है और अब ये टीशर्ट पहनकर की न्याय की मांग करेंगे।