
18 सितम्बर से गांव चलो अभियान, लंबित राजस्व प्रकरणों का निस्तारण होगाः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने ली राजस्व और उपनिवेशन विभाग की समीक्षा बैठक
जयपुर, राजस्थान, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार गुड गवर्नेन्स के मानकों पर खरा उत्तरते हुए आमजन के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरान उन्होंने कहा कि बजट घोषणाओं को धरातल पर उतारने के लिए अधिकारी उनकी नियमित मॉनिटरिंग करें। साथ ही, संबंधित विभागों से समन्वय कर भूमि आवंटन, डीपीआर, टेंडर प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए, जिससे विकास कार्यों का लाभ लोगों को समय पर मिल सके। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में राजस्व एवं उपनिवेशन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग, तकनीक एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से काश्तकारों को सुविधाएं उपलब्ध कराने में नवाचार कर रहा है। इसी क्रम में किसानों को स्वयं फसल गिरदावरी की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए एग्रीस्टेक मोबाईल ऐप विकसित किया गया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के लिए इस एप का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
गांव चलो अभियान से ग्रामीणों तक सरकारी सेवाए सुलभ होंगी
राज्य सरकार द्वारा 18 सितम्बर से प्रदेशमर में सप्ताह में तीन दिन ‘गांव चलो अभियान संचालित किया जाएगा, जिसमें ग्रामीणों तक सरकारी सेवाओं की सुलभ पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि इस अभियान के तहत ग्रामीणों के सीमाज्ञान, सहमति विभाजन, नामांतरण आदि लंबित प्रकरणों को निस्तारित किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी व्यक्ति अभियान के लाभों से वंचित ना रहे।
87 प्रतिशत किसानों की फार्मर आईडी जनरेट हुई, 4.49 करोड़ यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नम्बर जारी
मुख्यमंत्री को बैठक में अधिकारियों ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री योजना के माध्यम से किसानों के आधार नम्बर को राजस्व रिकॉर्ड के साथ मेपिंग का कार्य समस्त जिलों में प्रारम्भ कर दिया गया है। अब तक 87 प्रतिशत किसानों की फार्मर आईडी जनरेट की जा चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में राज्य के 48 हजार 463 गांवों की जिओ रेफरेंस शीट फाइल भू-नक्शा पोर्टल पर अपलोड कर 4.49 करोड़ यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नम्बर (यूएलपी आईएन) जारी किए जा चुके हैं। बैठक में राजस्व न्यायालयों के लिए रेवेन्यू कोर्ट मॉर्डनाइजेशन सिस्टम् राजस्व इकाइयों का पुर्नगठन, पूर्णकालिक सरकारी अधिवक्ताओं को रिटेनर शुल्क, उपनिवेशन क्षेत्र में भूमि आवंटन की दर में परिवर्तन, ग्राम दान एवं भूदान अधिनियम सहित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।बैठक में राजस्व मंत्री हेमन्त मीणा एवं मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
पुराने भवनों की मरम्मत करें, गुणवत्ता का ध्यान रखें
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी गत दो वर्ष के बजट में घोषित भवन निर्माण के कार्यों को प्राथमिकता देते हुए तय समय में पूरा करें। साथ ही, नियमित निगरानी कर इनकी गुणवत्ता पर भी ध्यान रखा जाए। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पुराने भवनों का भी आवश्यकतानुसार पुनर्निर्माण एवं मरम्मत की जाए, ताकि सरकारी संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो सके।